देवबंद में 25 राज्यों के 1500 जमीयत मेंबर पहुचें! 


 जुल्म सहेंगे, लेकिन देश पर आंच नहीं आने देंगे-मदनी



सहारनपुर/समाचार


उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मुस्लिमों के सम्मेलन में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भावुक हो गए। मदनी ने कहा, "मस्जिदों के बारे में चर्चा कर जमात फैसला लेगी। फैसले के बाद कोई कदम पीछे नहीं हटेगा। हमारा जिगर जानता है कि हमारी क्या मुश्किलें हैं। हां, मुश्किल झेलने के लिए ताकत–हौसला चाहिए। हम जुल्म को बर्दाश्त कर लेंगे, दुखों को सह लेंगे, लेकिन अपने मुल्क पर आंच नहीं आने देंगे।''


मदनी ने कहा, "वो चाहते क्या हैं? समझ लीजिए, मैं बार बार कह रहा हूं... जो नफरत के पुजारी हैं, आज वो ज्यादा नजर आ रहे हैं। अगर हमने उन्हीं के लहजे में जवाब देना शुरू किया तो वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे। हम हर चीज पर समझौता कर सकते हैं, लेकिन ईमान से समझौता बर्दाश्त नहीं। वो देश को अखंड भारत बनाने की बात करते हैं। देश के मुसलमान को पैदल चलना तक दुश्वार कर दिया है। वो मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं।"

दिलों के मंदिर टूट जाएंगे तो मंदिर-मस्जिद का क्या होगा : नियाज

ज्ञानवापी मुद्दे के सवाल पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेशनल सेक्रेटरी मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने कहा, "हर शासकों ने गलतियां की हैं। जिसे हम भुगत रहे हैं। इन्हें सुधारने के लिए एक साथ बैठकर हल निकालना होगा। इससे बड़ा तो हमारा दिल है। जहां पर भगवान और अल्लाह विराजमान हैं। हम अपने दिलों को बांट देंगे तो इन मंदिरों-मस्जिदों का क्या होगा। अगर हमारे दिल सही रहेंगे तो हमारा मकसद धार्मिक रहेगा। ऐसा कोई विवाद न हो जिससे हमारे रिश्ते टूटें। फिर चाहे ये मंदिर और मस्जिद टूटे या बने इससे फर्क नहीं पड़ेगा।

25 राज्यों से आए 1500 जमीयत मेंबर

जमीयत उलमा-ए-हिंद के कार्यक्रम में 25 राज्यों से लोग आए हैं। इसमें करीब 1500 जमीयत के मेंबर हैं, जबकि कुल मौजूदगी 2500 से 3000 है। इनमें मुख्य रूप से महाराष्ट्र से आए मौलाना नदीम सिद्दीकी, UP से मौलाना मोहम्मद मदनी, तेलंगाना से हाजी हसन, मणिपुर से मौलाना मोहमद सईद, केरल से जकरिया, तमिलनाडु से मौलाना मसूद, बिहार से मुफ्ती जावेद, गुजरात से निसार अहमद, राजस्थान से मौलाना अब्दुल वाहिद खत्री, असम से हाजी बसीर, त्रिपुरा से अब्दुल मोमिन पहुंचे हैं। सांसद मौलाना बदरूद्दीन अजमल, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार में मंत्री मौलाना सिद्दीकी उल्लाह चौधरी और शूरा सदस्य मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी सहित कई बड़ी हस्तियां भी देवबंद पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल से भी मुस्लिम संगठन के लोग आए हैं।