झोला छाप डॉक्टर कर रहे हैं मरीजों की जान से खिलवाड़
➡मरीज की हालत बिगड़ जाने पर करते हैं जिला अस्पताल रेफर
बेहट/सहारनपुर
बेहट क्षेत्र के गाँव गाँव में झोला छाप डाक्टरों की भरमार है चाय की गुमटियो जैसी दुकानों में झोला छाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं मरीज चाहे उल्टी दस्त या बुखार से पीडित हो या अन्य कोई और बीमारी से सभी बीमारियों का इलाज यह झोला छाप डॉक्टर करने को तैयार रहते हैं मरीज के मरने जीने से इनको कोई मतलब नहीं इनको सिर्फ अपनी तिजोरियां भरने से मतलब है मरीज की हालत बिगड़ जाने पर उसे आनन फानन एसे डाक्टर के पास रैफर करते हैं जहां कमीशन मिले लैब वालों से सेटिंग गेटिंग कर के रखते हें आजकल उनकी भी चांदी कुट रही है ग्रामींण क्षेत्र मे डाक्टरों से बात बनाकर रख्खी है हल्का फुल्का बुखार हुआ झोला छाप डॉक्टर फौरन बोलता है उस लैब पर जाओ मेरा नाम बोलदेना मरीज जाता है लैब में उसका सैमपल लिया जाता है टाइफायड मलेरिया प्लेट लेट्स कम बताना आम सी बात होगई है फिर झोला छाप डॉक्टर का दौर शुरू होता मरीज से 15 से 20 दिन का इलाज बोलते हैं और बोतले चढाते हें और राम भरोसे इलाज शुरू करदेते है ख़ूब मोटा पैसा वसूला जाता है गाँव के डाक्टर बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं बिना पंजीकरण के एलोपैथी चिकित्सा वयवस्था ही नहीं किया जारहा है बल्कि बिना ड्रगस लाइसेंस के दवाओं का भंडारण बिक्री भी अवैध तरीके से किया जारहा है दुकान के अन्दर कार्टून दवाओं के भरे रहते हैं इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है झोला छाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं मौसम बदलने से उल्टी दस्त बुखार जैसी बीमारियां पनप रही है ग्रामींण क्षेत्र में डाक्टर इसका फायदा उठा कर मरीजों के साथ लूट खसोट मे लगे हैं केस बिगड़ जाने पर हाथ खड़े कर देते है और सहारनपुर रैफर कर देते है कमाल की बात ये है केसा भी मरीज जाए सब का इलाज तुरन्त पकड़ते हैं अब देखना यह है स्वास्थ विभाग इनपर क्या कार्रवाई करता है विभाग को चाहिए के ऐसे डॉक्टरों की जांच कर उचित कार्रवाई करे गरीब जनता कब तक इनके जाल में फंसती रहेगी
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