अशफाक उल्ला खान चैरिटेबल अस्पताल द्वारा गाँव गाँव जाकर कैम्प लगाकर इलाज किया जाता हैं....डा0 जर्रार खान
✍अशफाक अम्बर
देवबन्द (सहारनपुर)
समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो समाजसेवा को ही अपना उद्देश्य समझते हैं।और वह अपने उसी सेवा भाव के जज्बे को कायम रखते हुए दीन दुखियों,जरूरतमंदो,और गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नर सेवा नारायणसेवा के आदर्शों पर चलते हुए आमजन के हर दुख दर्द को ईश्वर की प्रेरणा लेकर उनके दुखों को दूर करने के प्रयास में लगे रहते हैं।
ऐसे ही हैं विश्वविख्यात देवबन्द के समाजसेवी डॉ जर्रार खान जिन्होंने अपनी सामाजिक कार्यों की रूचि के चलते देवबन्द में कठिन मेहनत और अपने अन्थक प्रयासों से अशफाक उल्ला खान चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना कर सर जमीन ए देवबन्द में अशफाक उल्ला खान अस्पताल चला रहे हैं।
अशफाक उल्ला खान चैरिटेबल अस्पताल द्वारा पिछले कई वर्षों से निशुल्क स्वास्थ्य सेवा दी जारही है। जिसके अंतर्गत सभी प्रकार का उपचार निशुल्क किया जाता है दवाइयों के साथ-साथ मरीज भरती करना तथा जांच आदि की भी सुविधाएं निशुल्क दी जारही हैं ।संस्था के अंतर्गत एक वर्ष तक निशुल्क इलाज किया जाता है इस संस्था के द्वारा सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है ।तथा आवश्यकता पडने पर संस्था द्वारा अपने खर्च पर दिल्लीएम्स,मेरठ सुभारती,और ऋषिकेश एम्स में भी भेजा जाता है ।वहां भी सभी दवाइयां तथा पूर्ण इलाज संस्था द्वारा अपने प्रयास से कराया जाता है ।
अशफाक उल्ला खान चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गांव गांव जाकर मैडिकल कैम्प लगाए जाते हैं ।जिसमें मरीजों को सभी दवाइयां निशुल्क दी जाती हैं ।तथा अधिक से अधिक जनमानस की सेवा और सहायता करने का प्रयास रहता है।ट्रस्ट के संस्थापक चैरमैन जर्रार खान बताते हैं कि मेरा उद्देश्य यही था कि देवबन्द इतना बड़ा धार्मिक स्थल होने पर भी यहाँ कोई संस्था ऐसी नहीं है जिसमें बीमार लोगों का इलाज निशुल्क किया जाता हो।
उन्होंने कहा कि मैंने अक्सर देखा है कि मैडिकल सुविधा न होने के कारण किसी बड़ी बीमारी या सडक दुर्घटना हो जाने पर लोग किसी बड़े अस्पताल जाने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।उन्होंने कहा कि इन्हीं सब कारणों की वजह से ही मेरी यह कोशिश रही कि मैं ऐसी संस्था आरम्भ करूँ कि जिसमें बडी से बडी बीमारी का इलाज निशुल्क किया जाए।और मेरे देवबंद क्षेत्र के लोगों को पूर्ण सहायता मिल सके।और किसी भी गम्भीर को सुविधाओं के अभाव के चलते देवबंद से बाहर रेफर ना किया जाए । उन्होंने कहा कि आज मुझे अपने जिले सहारनपुर के साथ साथ मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में भी संस्था की शाखा चलाने की भी अनुमति मिल चुकी है ।
कई वर्षों के इस कार्य में मेरे शुभचिंतकों ने बहुत सहयोग किया है
जिनमें डाक्टर अकरम खान, असमा परवीन, एच ओ डी मुख्य सलाहकार डाक्टर इकराम बेग, डाक्टर विकास सिंह, डाक्टर महफूज आलम, डाक्टर रेशमा अंसारी, डाक्टर ममरेज, डाक्टर अकरम खान, डाक्टर फरहा गोर, मुख्य सचिव खुशनसीब खान, सह संस्थापक गुलसनव्वर खान, सुलतान खान,मुकीम अब्बासी, उमर खान देवबंद, इजफार खान, इफ्तिखार,अदीबा अंसारी, सालेहा अंसारी, परवीन अंसारी, सादिया, अर्शी इबरहिम, सफिया, शबनम, सोनिया खान, शबिया कुरैशी, शाहाना कुरैशी, ठाकुर सुरेंद्र सिंह आदि पूर्ण सहयोग व समर्थन कर रहे हैं । और देवबंद के सभी लोग हमारे द्वारा दी गई सभी सेवाओं से बहुत प्रसन्न और आशवस्त हैं । उन्होंने कहा कि में लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस संस्था को चलाने में मेरा सहयोग दिया तथा सर्वसमाज से मेरी अपेक्षा है कि भविष्य में भी मेरा साथ देंगे ताकि में इसी सेवा भाव के जज्बे के साथ लोगों की सेवा कर सकूं!!
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